Dooriyan – Nazdeekiyan

मिलना-बिछड़ना कहीं पहुँचने की खुशी कभी, तो कभी कहीं से दूर जाने का गम, ये चंद रिश्ते ही तो हैं, जिन्हे निभाते हुए भी अक्सर, अधूरे रह जाते हैं हम। ज़िंदगी का ये जो दस्तूर है, मिलना-बिछड़ना क्यूँ ,वक़्त का फ़ितूर है, गर तन्हाइयाँ ही लिखी तकदीर में, फिर क्यूँ किसी से मिलना, और मिलContinue reading “Dooriyan – Nazdeekiyan”

Teen Kavitayein

कुछ वक़्त कुछ वक़्त, जो पीछे छूट गया, कुछ वक़्त, जो आने वाला है, इन दोनों के फासलों के बीच, कुछ वक़्त, जो ठहर सा गया है, इसी ठहरे हुए वक़्त में, काश तुम पलकों पे कभी, यूँ ही आ जाते, नींद में ही सही, ख़्वाबों में दो पल, बस, यूँ ही मुस्कुराते, तो शायद,Continue reading “Teen Kavitayein”